विद्या भारती दक्षिणमध्य क्षेत्र - साधारण सभा - विशेषताएँ विद्या भारती अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य काशीपति ने सुझाव दिया कि विद्यालयों का क्षेत्रीय स्तर पर भौगोलिक एवं सामाजिक विस्तार किया जाना चाहिए। यह सुझाव दिया गया है कि श्री सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालयों का विस्तार विभिन्न राज्यों में जिलों, मंडलों और यहां तक कि निचले स्तरों तक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यापीठ के तत्वावधान में चल रहे सांस्कृतिक केंद्रों के साथ-साथ तटीय क्षेत्रों में चलाये जा रहे सेवा कार्यक्रमों से समाज में सकारात्मक बदलाव देखा जा सकता है। विद्या भारती दक्षिण मध्य क्षेत्र साधारण सभा ( 24, 25 अगस्त, 2024 ) का आयोजन दो दिनों तक हैदराबाद के बंदलागुड़ा स्थित शारदा धाम में किया गया। इन बैठकों में विद्या भारती क्षेत्र गवर्निंग काउंसिल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों के अधिकारी और विषय नेता उपस्थित थे। इस अवसर पर दक्षिण मध्य घटना मंत्री मान्यश्री लिंगम सुधाकर रेड्डी ने मार्गदर्शन किया। वे स्कूल के केंद्र में अच्छे रुझान शुरू करना चाहते हैं। सभी कार्यकर्ता व्यापक दौरे करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि विद्यापीठ का कार्य केवल विद्यालयों का प्रबंधन ही नहीं है, बल्कि समय-समय पर अध्ययन कर समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति करना भी है। कार्यक्रम में विद्या भारती दक्षिण मध्य क्षेत्र की अध्यक्ष डॉ. चमार्थी उमामहेश्वर राव, दक्षिण मध्य सचिव अयाचितुला लक्ष्मण राव, प्रशिक्षण प्रमाण राव सूर्यनारायण और अन्य ने भाग लिया। तीन राज्यों के घटना मंत्री पाठकमुरी श्रीनिवास राव, कन्ना भास्कर और उमेश द्वारा समन्वित। तीन राज्यों से 100 सदस्यों ने भाग लिया।
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